एक अध्ययन के अनुसार खाड़ी में रहने वाले अधिकतर प्रवासी अपने भविष्य के लिये अपना कोई फाइनेंशियल लक्ष्य नहीं बनाते या वित्तीय सलाह लेने मे बहुत देर कर देते हैं।
रिपोर्ट मे कहा गया है खाड़ी देशों में रहने वाले प्रवासीयो मे केवल 37 प्रतिशत ही अपने शुरू के 2 वर्षों के भीतर वित्तीय सलाह प्राप्त करते हैं। पढ़े-गामका (GAMCA) मेडिकल टेस्ट संक्षिप्त गाइड व प्रश्न
अबू धाबी स्थित स्वतंत्र वित्तीय सलाहकार फर्म ‘होमेक्स कैपिटल मैनेजमेंट’ के एक सर्वेक्षण (Survey) किया जिसमें पता चला कि सलाह प्राप्त करने वाले प्रवसियों की राशि इस बात पर निर्भर करती है कि वे विदेश में कितने समय से रह रहे हैं। पढ़े–सऊदी अरब वीज़ा के प्रकार व आवेदन प्रक्रिया
दो साल से अधिक समय तक विदेश में रहने वाले कामगार लोग अपनी वित्तीय योजना के बारे में सोचना शुरु करते हैं। खड़ी देशों मे कार्यरत विदेशी कामगारों मे अधिकतर लोग निवेश और लायबिलिटी के अंतर को नहीं समझते है।
होमेक्स कैपिटल मैनेजमेंट फर्म के शोधकर्ताओ ने पाया कि 74 प्रतिशत कामगार जो दो वर्षों से अधिक विदेश में कार्यरत है, उन्होंने कुछ प्रारूप में प्रोफेशनल के साथ अपने वित्त आवश्यकता पर चर्चा की है, लेकिन इस में से, लगभग आधे ज्यादा प्रवासी कामगार प्रोफेशनलों द्वारा दी गई सलाह की गुणवत्ता से प्रभावित नहीं थे।
होमेक्स कैपिटल मैनिजिंग फर्म के पार्टनर क्रिस बॉल के अनुसार वित्तीय प्रोंफेसनल सलाह-कारों से सलाह लेने वालों और सलाह ना लेने वालों के बीच स्पष्ट अंतर है।
जिन लोगों को वित्तीय प्रोंफेसनल द्वारा सलाह मिलती है,उनका पोर्टफोलियो सलाह ना लेने वालों के मुकाबले वार्षिक 3 से 5 प्रतिशत अधिक बढ़ता देखा गया है। पढ़े–सऊदी अरब 1932 से अब तक के राजाओं व ताज-राजकुमारों की सूची व इतिहास
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